
नरसिंहगढ़ विगत कुछ माह पूर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कंतोड़ा बीट में वन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा ही मुरम की अवैध खुदाई करवाने का मामला प्रकाश में आया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार कंतोड़ा बीट की बंद हो चुकी नर्सरी में वन विभाग द्वारा नगर वन का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए वन क्षेत्र में प्रारम्भिक रूप से मुरम बिछाकर भ्रमण पथ का निर्माण किया जाना था रास्ता बनाने के लिए चिंहित मार्गों पर मुरम बिछाकर मार्ग भी बना दिये गये

वन विभाग राजगढ़ के अनुसार उक्त मार्गो के लिये मुरम लेने के लिए ठेकेदार को टेंडर आवंटित कर दिया गया था जिससे वन क्षेत्र की मुरम को बचाते हुये ठेकेदार से रॉयल्टी वाली मुरम की खरीदी की जा सके, लेकिन नरसिंहगढ़ सर्किल के जिम्मेदारों ने नियम विरुद्ध कंतोड़ा बीट से ही मुरम की खुदाई कराके नगर वन के भ्रमण पथ सड़क में उपयोग कर लिया। और अपने विभाग की आँखो मे धूल झोंक दी जिसमे तत्कालीन डिप्टी रेंजर एल एन रोसिया ने कहा था कि कंतोडा बीट से ही खुदाई कराके हेडलोड से मुरम डलवाई गई है और अन्य कहीं से भी मुरम नहीं ली गई है जिसमे विभागीय जाँच मे डिप्टी रेंजर एल एन रोसिया, एवं वन रक्षक राजू दांगी को दोषी पाये जाने पर सस्पेंड कर दिया गया था जिसमे शुक्रवार शाम को राजगढ़ sdo राजीव दुबे के नेतृत्व मे एक टीम ने उक्त मोके का निरिक्षण किया एवं प्रतिवेदन बनाया ज़ब उक्त विषय पर उपवन मंडल अधिकारी राजीव दुबे से पत्रकारों ने प्रश्न किया तो उन्होंने कहा की इस संबंध में आप उच्च अधिकारियों से बात कीजिए मैं इस पर कुछ भी नहीं कह पाऊंगा

सूत्रों की माने तो उक्त मुरम खुदाई स्थल का पुनः निरीक्षण किया गया है जिसमें लगभग 100 से 300 ट्राली तक मुरम निकाले जाने की बात सामने आ रही है अब देखने वाली बात यह होगी कि उक्त प्रकरण मे आगे और भी कार्यवाही हो सकती है संरक्षित वन परिक्षेत्र मे अवैध खनन होना ही अपने आप बड़ा अपराध है किन्तु विभाग के कर्मचारियों के द्वारा ही उक्त कार्य किया जाना कहीं न कही वन विभाग की साख पर बट्टा लगा रहा है